Ek Ladki Jo Mujhe Mujhse Jyada Janti Hai | एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है - Jhuti Mohabbat
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Wednesday, September 25, 2019

Ek Ladki Jo Mujhe Mujhse Jyada Janti Hai | एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है

Ek Ladki Jo Mujhe Mujhse Jyada Janti Hai | एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है

Love Poem in Hindi for Girlfriend by Amandeep Singh (Ek Ladki Jo Mujhe Mujhse Jyada Janti Hai / There is a girl I know more than me), this poem is from India's famous Poetry writer "Amandeep Singh". In this poem, Amandeep Singh has beautifully penned a poem on a girl character.

जो लब्ज जुबा तक नहीं आते मेरे,
वो उन्हें भी पहचानती है.
एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है,
सूझ-बूझ में मुझसे आगे है,
वो थम जाती है जब दुनिया भागे है,
मसरूफ रहती है,
न जाने किस गाँव में त्यौहारों में,
पायल पहनती है वो अपने पावों में।।

मेरी कहानियों को बड़े इतमिनान से सुनती है,
मेरे शब्दों पर पलकें रख,
शायद वो भी ख्वाब बुनती है कुछ,
कुछ छिपाता हूं उसे न जाने कैसे जान जाती है हर बार।।

हर बार मेरा मखौटा हटा कर,
मेरी सच्चाई पहचान जाती है,
उसे रास्तों की परवाह नहीं है,
वो खुद को लहर मानती है,
एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है।।

मै न सुनूँ तो गुस्से में आती है,
मै सुन लूं तो मुस्कुराती है,
मै उदास हूं तो समझाती है,
मै चुप हूं तो सहलाती है,
मै खफा हूं तो न ही मुझे मनाती है,
मेरी नाकामियों पर अपना हक जताती है।।

थोड़ी बेसुरी है, पर गाकर सुनाती है,
मै परेशान न करूँ तो परेशान हो जाती है,
इतनी तिलिस्मानी होकर भी मुझे वो अपना दोस्त मानती है,
एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है।।

हां, हां मैं उससे मजाक बेहद करता हूं,
पर उसे खोने से डरता हूं,
उसकी नापसंद भी मुझे पसंद है,
उसकी आवारगी में मेरी आजादी बंद है।।

मै शब्द रखता हूं वो जस्बात उठाती है,
मेरे कोरे कागजों पर किसी कविता सी उतर जाती है,
पर पूरी कविता में भी वो कहाँ खरी उतरती है,
रोज-रोज भला जन्नत से कहाँ ऐसे परी उतरती है।।

मै उम्मीद न तोड़ दूं इसलिए मेरा हाथ थामती है,
मुझसे ज्यादा मेरे सपनों को वो हकीकत मानती है,
उसे रास्तों की परवाह नहीं है,
वो खुद को लहर मानती है,
एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है।।

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