Ishq Pyas Hai Tu Samandar Hai | इश्क़ प्यास है तू समंदर है Love Poem - Jhuti Mohabbat
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Friday, September 27, 2019

Ishq Pyas Hai Tu Samandar Hai | इश्क़ प्यास है तू समंदर है Love Poem

Ishq Pyas Hai Tu Samandar Hai | इश्क़ प्यास है तू समंदर है Love Poem

It's one of those rare experiences to be in love. It's infuriating how you go through a inundate of emotions. Love makes you feel happy, sad, beautiful, and sometimes proud. When you are experiencing love in all its glory, what better way to express it than through love poems. Our love poems will help you express to your beloved exactly how you're feeling. It will also let them know that it is the intensity with which you are feeling these emotions, that makes your love memorable and worth everything.

तुमने जब जब हमसे नजरें मिलायी होंगी ।
हमने ख्वाबोँ में तेरी जुल्फेँ सँवारी होँगी ।
हमें तो कभी फुरसत नहीं मिलती इनसे ,
इश्क की बातेँ तेरे भी दिल मेँ तो आती होगीँ ।।

है मोहब्बत तो कानो मेँ बता देना ।
हया के रंग को सुर्ख आँखो मे छुपा लेना ।।

अपने होँठो से आखिरी बूँद भी छलक जाने दो ।
मेरे इशारोँ पर कदमोँ को बहक जाने दो ।
आज तक लहराता रहा समन्दर सादा ,
इश्क को घोलकर लहरोँ को दहक जाने दो ।।

इस ख़ता के लिए हमेँ जब भी सजा देना ।
हया के रंग को सुर्ख आँखो मेँ छिपा लेना ।।

मैँ समझ न सका खंजर से बेवफाई से ।
कत्ल हुआ मेरा इतनी सफाई से ।
ये फैसला भी उनके हाथो मेँ है ,
अब क्या फायदा गवाहोँ से , सफाई से ।।

होँठोँ पर हँसी रखकर निगाहोँ से सजा देना ।
हया के रंग को सुर्ख आँखो मेँ छिपा लेना ।।

उस रात जब घटाओ ने बारिश की थी ।
हमने तुमसे इश्क की गुजारिश की थी ।
छिपते चाँद भी मना गया तुमको ,
बहती हवाओँ ने भी सिफारिश की थी ।।

कि हर जगह बह रहा मोहब्बत का झोँका था ।
तुमसे कुछ माँगने का यह पहला ही मौका था ।
तुम्हारी आवाज मेरे दिल को सुनाई दे इस खातिर ,
पीपल ने भी अपने पत्तो का थिरकना रोका था ।

चमकती बिजली ने भी मुझको डराया था ।
तुम्हारी पलकोँ ने भी तुमको छुपाया था ।
तब मैने हाथो मेँ लेकर हाथ तुम्हारा ,
छलकती जमीँ पर घुटना टिकाया था ।

फूल खिलने लगे हवा मेँ नमी भी थी ।
चमकते जुगूनुओँ ने भी सलामी दी थी ।
लब खामोश थे ,निगाहे ठहरी हुईँ ,
जब तुम्हारे होँठो ने हामी दी थी ।।

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