Four Love Poem in Hindi - Jhuti Mohabbat

Wednesday, September 25, 2019

Four Love Poem in Hindi

Four Love Poem in Hindi

The meaning of the word love is not easily understood, we have to feel it. Love is an action that God has created for us. A person loves another person with all his good bad habits, he lives it is very beautiful. Today we have brought some poems on love for you - Love Poem in Hindi, you will definitely like them.

अपना प्यार बना लो
मुझे अपनी जान बना लो,
अपना अहसास बना लो,
मुझे अपने अल्फाज़ बना लो,
अपने दिल की आवाज़ बना लो,
बसा लो अपनी आँखों में
मुझे अपना ख़्वाब बना लो,
मुझे छुपा लो सारी दुनिया से
अपना एक गहरा राज बना लो
आज बन जाओ मेरी मोहब्बत
और मुझे अपना प्यार बना लो

जुदाई
जो तुमसे दूर चला गया हैं, उसके लिए क्यों आँसू बहाना
जो अतीत का पन्ना हैं, उसके लिए क्यों अपना वर्तमान गवाना,
जो जब वो बेगाना हैं, उसके लिए क्यों खुद को दिन रात रुलाना,
पर अब वो किसी और के संग हैं, अब वो किसी और की दिल की उमंग हैं
तुम्हारी अच्छाई बहुत अच्छी लगती हैं,
तुम्हारी बुराई बहुत बुरी लगती हैं,
तुम्हारे सौ झूट के आगे हमें तुम्हारी एक बात सच्ची लगाती हैं.
तुम एक बार माफ़ी मांगो,
हम अपने आंसू भुला देते हैं,
दूसरी बार मांगो तो तुम्हारे संग चले आते हैं
हमारी खुद की बाते हमें गलत लगाती हैं,
तुम्हारी सौ गलत बातें भी आंखिर हमें अच्छी लगाती हैं,
तुमसे बिछड कर जीने के लिए जिंदगी कब तैयार हुई
सिर्फ़ जुदा होने के ख्याल से आँखे नाम हो जाती हैं.

दिल की चाहत
मेरे दिल की चाहत,
कल भी तुम थे और आज भी तुम हो
मेरी ज़रूरत,
कल भी तुम थे और आज भी तुम हो
तुमने तो मुझे कबका भुला दिया
मेरी आदत,
कल भी तुम थे और आज भी तुम हो
तुमने न जाना कितना, तुमको प्यार किया
मेरी इबादत,
कल भी तुम थे और आज भी तुम हो
बेखबर बनते हो, खबर हो के भी
मेरी किस्मत,
कल भी तुम थे और आज भी तुम हो

तन्हाई
सदिया गुजर गयी किसी को अपना बनाने में,
मगर एक पल भी न लगा उन्हें हमसे दूर जाने में
लोगो की साजिशों का रंग उनपे ऐसा छाने लगा,
के उसके बाद तो हम उन्हें अपने दुश्मन नज़र आने लगे
हम फिर भी हस्ते रहे उनके जुल्मों को सह कर भी,
धीरे धीरे उनके सितम सह कर हमें मजा आने लगा
जब थक गए हमारी रूह तक को तड़पा कर वों,
तब वो धीरे धीरे हमसे दूर जाने लगे
ये गम तन्हाई दर्द और यादोँ के साये,
ये सब तोहफ़ा हमनें उनसें ही है पाए
मेरी ग़लती सिर्फ़ इतनी सी थी के मैं वफ़ादार निकला,
जितने दिल से की उनकी मोहब्बत में उतना ही बड़ा गुन्हेगार निकला

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