हाँ वो इक शाम होगी - Jhuti Mohabbat

Wednesday, April 20, 2022

हाँ वो इक शाम होगी

 



हाँ वो इक शाम होगी,

तुम्हारी आंखों में काजल और मेरी आंखें लाल होगी…

तुम्हारी नज़रें रंग–बिरंगी रोशिनी से चकाचौंध होगी,

और मेरी नज़रें आंसुओं से तार–तार होगी। 


हाँ वो इक शाम होगी,

तेरे हाथों में सगुन की मेहंदी

और मेरे हाथों में नशीली शराब होगी,


हाँ वो इक शाम होगी,

जब खुशियों से तेरी झोली आबाद होगी,

और मेरी नाउम्मीद ज़िंदगी बर्बाद होगी,


हाँ वो इक शाम होगी,

जब तेरे मांग में लगा सिंदूर

हमारे बीच की दीवार होगी,


हाँ वो इक शाम होगी,

जब तुम किसी और की जिंदगी,

और मेरी मौत का पैगाम होगी।


हाँ वो इक शाम होगी,

जब डूबते सूरज को,

फिर से उगने की ना कोई आस होगी।


हाँ वो इक शाम होगी,

जब जलती आग में ना कोई आंच होगी

और

राख में मिलकर मेरी कहानी कहीं गुमनाम होगी।

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