Best 2 Line Shayari - Jhuti Mohabbat

Monday, September 7, 2020

Best 2 Line Shayari

Hindi Love shayari


तुमने समझा ही नहीं…और ना समझना चाहा,

हम चाहते ही क्या थे तुमसे… “तुम्हारे सिवा”.


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


एक अज़ीब सा रिश्ता है मेरे और ख्वाहिशों के दरम्यां,

वो मुझे जीने नही देती… और मै उन्हे मरने नही देता..!!

⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


मैं भी तेरे ईश्क में आतंकवादी बन जाऊं,

तुझे बांहो में ले के बम से उड़ जाऊ !!


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰

हमेशा के लिए रखलो ना मुझे पास अपने,

कोई पूछे तो बता देना के किरायेदार है दिल का !!


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


लूट लेते हैं अपने ही,

वरना गैरों को क्या पता इस दिल की दीवार कमजोर कहाँ से है !


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना..

कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते..


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे..

मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे..!!!


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग,

पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे…..!!


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है,

कि लोग झुकना पसंद नहीं करते…!!


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰

इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग

दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग..


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


उदासी तुम पे बीतेगी तो तुम भी जान जाओगे कि,

कितना दर्द होता है नज़र अंदाज़ करने से।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैं;

मगर कुछ खामोशियों के ज़ख्म तो और भी गहरे निकले।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


दर्द से हम अब खेलना सीख गए;

बेवफाई के साथ अब हम जीना सीख गए;

क्या बतायें किस कदर दिल टूटा है हमारा;

मौत से पहले हम कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूँ;

उदास रात की तन्हाई में सो लूँ;

अकेले ग़म का बोझ अब संभलता नहीं;

अगर तू मिल जाये तो तुझसे लिपट कर रो लूँ।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


हमें भी याद रखें जब लिखें तारीख गुलशन की;

कि हमने भी लुटाया है चमन में आशियां अपना।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


मुझ को तो होश नहीं तुमको खबर हो शायद;

लोग कहते हैं कि तुमने मुझे बर्बाद कर दिया।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


सब कुछ बदला बदला था जब बरसो बाद मिले;

हाथ भी न थाम सके वो इतने पराये से लगे।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


पढ़ तो लिए है मगर अब कैसे फेंक दूँ;

खुशबू तुम्हारे हाथों की इन कागज़ों में जो है।


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


हम तुझ से किस हवस की फ़लक जुस्तुजू करें;

दिल ही नहीं रहा है कि कुछ आरज़ू करें।


⊱✿ ❁ ❄ ⊹ ✬ ⊹ ❄ ❁ ✿⊰


⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰ ⊱✿ ✣ ✿⊰


ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह;

तुझे भी बदल देते हैं यह लोग तोड़ने के बाद।

6 comments:

Add

Contact Form

Name

Email *

Message *