September 07, 2020
BY Admin
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तुमने समझा ही नहीं…और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे… “तुम्हारे सिवा”.
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एक अज़ीब सा रिश्ता है मेरे और ख्वाहिशों के दरम्यां,
वो मुझे जीने नही देती… और मै उन्हे मरने नही देता..!!
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मैं भी तेरे ईश्क में आतंकवादी बन जाऊं,
तुझे बांहो में ले के बम से उड़ जाऊ !!
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